टूटे दिल को, संभलने की आस क्या रखियेकितना खोया ज़िंदगी में हिसाब क्या रखियेअगर बांटनी है तो खुशियाँ बांटो दोस्तों सेअपने अज़ाब अपने हैं,सब को उदास क्या रखिये